DCGI ने मोल्बियो डायग्नोस्टिक्स को दी निपाह वायरस टेस्टिंग की अनुमति, कम समय में मिलेगी रिपोर्ट
Nipah virus testing: ट्रूनैट एक रियल टाइम PCR प्लेटफॉर्म है
ट्रूनैट प्लेटफॉर्म पर तुरंत इसकी जांच की जा सकती है. (फोटो: पीटीआई)
ट्रूनैट प्लेटफॉर्म पर तुरंत इसकी जांच की जा सकती है. (फोटो: पीटीआई)
Nipah virus testing: डीसीजीआई (Drugs Controller General of India) ने निपाह वायरस की टेस्टिंग को लेकर बड़ा फैसला किया है. इसने मोल्बियो डायग्नोस्टिक्स (Molbio) को निपाह वायरस टेस्टिंग की अनुमति दे दी है. गोवा में स्थित इस फर्म ने कहा है कि इसके प्लेटफॉर्म ट्रूनैट पर तुरंत इसकी जांच की जा सकती है. ट्रूनैट एक रियल टाइम PCR प्लेटफॉर्म है. बुधवार (08 सितंबर, 2021) को DCGI से इसके इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए परमिशन मिली. वहीं Molbio Diagnostics ने ये भी कहा है कि इससे पहले और तेजी से जांच की जा सकेगी. वहीं इसके मैनजमेंट के साथ ही निपाह वायरस को फैलने से रोकने में भी मदद मिलेगी.
पहले भी आ चुका है NiV
अभी हाल ही में केरल के कोझिकोड में निपाह वायरस का मामला आने से पहले भी तीन बार NiV फैल चुका है. साल 2001 में सिलिगुड़ी और 2007 में नादिया में NiV फैला. वहीं केरल के कोझिकोड और मल्लापुरम में साल 2018 में इसके मामले सामने आए. मोल्बियो डायग्नोस्टिक्स के सीईओ श्रीराम नटराजन ने कहा कि, कोविड-19 के बाद बीमारियों के मैनेजमेंट के लिए इसकी पहली और सही जांच के महत्व का पता चलता है. हम मानते हैं कि संक्रामक बीमारियों के फैलने से रोकने के लिए इसका विश्वसनीय केयर सिस्टम जरूरी है. और यह हमारे ट्रूनैट टेक्नोलॉजी के लिए सबसे महत्वपूर्ण है. वहीं उन्होंने ये भी कहा कि ट्रूनैट पहला प्लेटफॉर्म है जिसे इसकी टेस्टिंग के लिए DGCI से मंजूरी मिली है.
2018 में हुई थी शुरुआत
कंपनी ने कहा कि ट्रूनैट पर निपाह वायरस के लिए रिसर्च और डेवलपमेंट की शुरुआत 2018 में हुई. नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (National Institute of Virology, NIV) के साथ इसकी शुरुआत की गई थी. जिससे संक्रामक वायरस के फैलने की स्थिति में इसका पता लगाया जा सके. जरूरत वाली जगहों पर इसके प्लेटफॉर्म को तुरंत तैनात करने से निपाह वायरस को फैलने से रोकने में मदद मिलेगी. ट्रूनैट बैटरी से चलनेवाला IoT समर्थित (enabled) प्लेटफॉर्म है और करीब 30 बीमारियों की जांच कर सकता है. इसकी रिपोर्ट एक घंटे से भी कम समय में आ जाती है. वहीं देश में दूसरी संक्रामक बीमारियों जैसे टीबी, कोविड-19, डेंगू, चिकनगुनिया, हेपेटाइटिस, HPV के मैनेजमेंट में भी यह बेहद महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है.
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10:08 PM IST